मंगलवार, 7 सितंबर 2010

मुरली बन खाली हो जाओ !!


मुरली बन खाली हो जाओ ,
कृष्ण अधर पर धर लेंगे !
जीवन की सम्पूर्ण रिक्तता ,
मधुर स्वरों में भर देंगे !!

मरे मरे हो गए काठ से ,
पत्थर दिल क्यों बन बैठे !
कमल बनो कीचड में रहकर ,
दल दल से तुम दूर रहो !!

दूषित गन्दा है समाज तो ,
रहने दो तुम स्वच्छ रहो !
गंध सुवासित अपनी सदा ह़ी , ,
जन जन तक पहुचाते रहो !!

शीतल मंद सुगंध मलय युत ,
पवन संग सर्वत्र बहो !
आत्मशुद्धि हो जाएगी तुम ,
सदगुरु संग तनमन से रहो !!

चुनाव रहित तेरी हो सजगता ,
सूत्र यही अपनाते रहो !
अस्तित्व तुम्हे संभाल रखे है,
साधक बन साधना करो !!

पाप ,पुण्य और स्वर्ग नरक की
बातों से बस दूर रहो !
पूर्ण सजग हो ध्यान करो बस ,
आडम्बरों में नहीं पड़ो !!

चैतन्य रहो , चल पड़ो पथिक बन ,
अनन्त पथ पर निकल पड़ो !
ध्यान करो , ध्यानी बन जाओ ,
शुद्धता के प्रतीक बनो !!


अनन्त पथ का पथिक ,
स्वामी अनन्त चैतन्य
लखनऊ